रविवार, 10 फ़रवरी 2019

राव चाम्पा

राव चाम्पा
*राव चाम्पा जी चाम्पावतो के मूल पुरूष है  वे *राव रिङमल जी*  के *ज्येष्ठ पुत्र* थे
वे चौबीस भाइयो मे ज्येष्ठ थे *इनका जन्म माघ शुक्ला 3 सम्वत1469* को हुआ था 
इनका ननिहाल *चौहान राजपूतो* मे था
किसी कवि ने कहा है:-
*सोनगरा बङभागी जिणरा सपूत कहिजे भाण*
*एक चाम्पो रिङमलोत  दुजो प्रताप राण*
जब राव रिङमल जी कि शिशोदियो ने मेवाङ  हत्या करके मण्डोर पर कब्जा कर लिया तब राव चाम्पा जोधा
और भाईयो ने मिलकर मण्डोर वापस जित लिया और *शिशोदियो* को खदेङ दिया और उनका मेवाङ तक पिछा किया  और अपने घोङो को पिछोला की झील पर पानी पिलाया
इसी सन्दर्भ मै जब हल्दीघाटी की लड़ाई के बाद मानसिह जब अपने घोङो को *पिछोला* कि झील पर पानी पीला रहे थे  तब घमण्ड मे कहा या तो यहा घोङे मेने ही पाये या फिर  रिङमल राठौङ के बेटो ने हि पाया  तब पास मे किसी चारण ने ताना मारते हुये कहा  मानसिंह जी रिङमल के बेटो ने तो पिछोला पर घोङे अपने भुजबल पर पाये थे  पर आप तो अकबर के भुजबल पर पा रहे हो
राव चाम्पा को भाई बन्ट मे *बणाङ* व *कापरङा*  ठिकाना मिला  इनी के  वन्श मे एक से बढकर एक वीर हुये *राव गोपालदास जी* जिन्होंने चारणो के खातिर अपनी पाली की जागीर तक छोङने को तैयार हो गये  फिर उनके बेटे *बल्लूजी* जो आगरा के किले से अमरसिंह का शव लेकर आये  *पोकरण ठाकुर देवीसिह जी* जैसे महत्वाकांक्षी वीर हुये *लोकदेवता बगत सिह जी पीलवा* *ठाकुर खुशाल सिह आउवा* जैसो ने  इनी के कुल  मे जन्म लिया  इनको कई मनसब ठिकाने ताजिमी ठिकाने परगने मिले इनके पराक्रम के कारण ही इनको मरूधर का *चान्दणा*(प्रकाश)और *मोङ* (सिरपेश)कहा है   आज चम्पावत राठौङो के 93 गांव  है
भोम सिंह चम्पावत देणोक

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