बुधवार, 11 अक्टूबर 2017

मरणो तो इक मोत,

मरणो तो इक मोत,मार नित नाही मरणो!
करणो सुफरत काम,चाल चलन राह चलणो!!१
डग नाँह पल डिगांय,बात आँह उमर बहणी!
लेवे जग मे लार,कहानी मुँख गढ कहणी!!२
दुर्लभ तन पर दाग,धोया नही कदे धुपे!
धारण तन कर धार,जीव गिरधर राम जुपे!!३

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