**अबखी वेळा आय**
भीड़ पड़ी जद भाटियों, आवड़ तूटी आय।
तारिया गढ तणोट में,अबखी वेळा आय।।1
जादम कुळ रै जोर'में,सांपरत री सहाय।
रही साथ तणराव'रै,अबखी वेळा आय।।2
भादरियो मनभावणौ,आयल बैठा आय।
संकट मेटै शंकरी,अबखी वेळा आय।।3
मरूधरा रै मांयनै, सदा रेजै सहाय।
भगतां दाळद मेटजै ,अबखी वेळा आय।।4
अकबरियौ चढ आवियौ,कटक दळ कटकाय।
पत राखी परताप री,अबखी वेळा आय।।5
अंबा आयल ईसरी,जगजणणी जगराय।
रजवट राखै रंग'तू,अबखी वेळा आय।।6
दोखी सगळा देश'रा,रळिया भेळा आय।
भार उतारै भोम'रौ,अबखी वेळा आय।।7
पीथळ थारौ बाळकौ,सवांगिया सुरराय।
सबद ओपता सूंपजै,अबखी वेळा आय।।8
© पृथ्वीराजसिंह बेरू।
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