शनिवार, 31 मार्च 2018

रूड़ौ राजसथान

ताण मूंछ तोलै घणा, परतख भुजबल पाण |
रण मांये राता रहे,रूड़ौ राजसथान||

धरम राख्यौ इण धरा, राखी ही रजवांण |
अरि-दल काट्या आवतां, रूड़ौ राजसथान ||

पन्ना पदमण कीरती, बहुविध करूं बखाण |
निपजै सतवंत नारियां, रूड़ौ राजसथान ||

ना दे शीष न्ह दे धरा, पाथळ जी परमाण |
रजवट रे कज रण चढे, रूड़ौ राजसथान ||

पतळी पहरै पगरखी, सिरै पागड़ी शान |
कुंडल पहरै कान में, रूड़ौ राजसथान ||

वीरमदे री वारता, गोगा रा गुणगान |
पाबू परवाड़ा पढे, रूड़ौ राजसथान ||

सिंह चढै माँ शारदा, भैरव हो अगवांण |
करणी माता करनला, रूड़ौ राजसथान ||

भड़बंका रो भरतपुर, जोधा रो जोधाण |
सुरताण नर सिरोहियो,रूड़ौ राजसथान ||

🙏🌹हनुमान सिंह सवाईगढ 🌹🙏

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