मंगलवार, 7 अगस्त 2018

बीकानेरी हाज़िर जवाबी

ठाकर साहब *जोधपुर* सु अपने भतीजे के शादी  के लिए *बीकानेर* पहुचे..

ठाकर साहब दो दिन से देख रहे थे कि रोज दावत में उनको खाने मे अंडे ही दिए गए..
..सो तीसरे दिन उनका सब्र टूट गया और उन्होंने अपने सागो सा से पूछ ही लिया..:
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हुकम , ये अंडे तो अपनी जगह ठीक हैं, पर इनके दाता हुकम कहाँ हैं..!
...उनसे भी मुलाक़ात कराईये..!!

*ये होती है जोधपुरी तहजीब*
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. बीकानेरी सगो सा ने कहा हुकम  ओ बिना माईता रो  हैं।

*ये होता  बीकानेरी हाज़िर जवाबी

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