सेल्फी लैवे सांतरी, कर धर बंदुक खाग।
उपर आयांह ऊभजा, हिये न उठती आग।।
कंवर कोरा कूदता, पेर र केसरी पाग।
फोटू पाड़न फूटरा, कर धरि कटार खाग।।
बन्ना निवड़े बावला, बन्नी फेसनि फेस।
देखाव चक्कर दीपड़ा, मिटतो मुरधर देस।।
ठोक शायरी ठावकी, फूटरा देवां पोज।
सेल्फियां माहि सांतरो, आपां दिखावां औज।।
सिर सटे जो धारी धरा, भूप भूमि भरतार।
जबरदस्त सुण जूमला, बण ग्या चौकीदार।।
सीकर फीकर कुण करे, झेरे चौकीदार।
भेड़ चाल में भूलगा, चलावनी तलवार।।
लूखा सजनी लेयगा, भमता किथ भरतार।
टिरिया बे जिण टैम रा, कठै बली तलवार ।।?
गिदड़ा सिंहणी झांप ली, नेहचे सुता नार ।
देख दशा आ दीपड़ा, खावै थूं क्यां खार।।
मणी ही मुँगी मौकली, नाठो लेयर नाग।
बाका फाड़ो बांकुरा, खन्नै होतां खाग ।।
सस्तर ना संभालिया, खागां लागो काट।
ठानीजे तो ठानले, नी तो बैठो माठ।।
दीप चारण
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