नैड़ा आया नौरता, मन म मोद समाय,
देशांणाळी डोकरी, ओल्यू थारी आय।।
चाव घणो मन चारणी,अबके पैदल आय
देशाणांळी डोकरी, थारे धोक लगाय।।
मढ़ देखणने मावड़ी, हिवड़ो तरस्यो जाय,
देशांणाळी डोकरी, आंख्या आँसू आय।।
चेत नोरता चारणी, नोऊँ करू निगोट,
देशांणाळी डोकरी, लेकर थारी ओट।।
आण जाण रो आवड़ा, पुख्ता कर परबंध
देशांणाळी डोकरी, सदा रहे संबंध।।
बगसाव ज्यो बीसहथी, चरणा चाकर आज
देशाणाळी डोकरी, विनती करे विराज।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें